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‌(فصل الهمزة مع الكاف) - تاج العروس من جواهر القاموس - جـ ٢٧

[مرتضى الزبيدي]

فهرس الكتاب

- ‌(فصل الْهَاء مَعَ الْقَاف)

- ‌هـ ب ر ق

- ‌هـ ب ق

- ‌هـ ب ل ق

- ‌هـ ب ن ق

- ‌هـ د ق

- ‌هـ د ل ق

- ‌هـ ر ق

- ‌هـ ر ز ق

- ‌هـ ز ق

- ‌هـ ز ر ق

- ‌هـ ز ل ق

- ‌(هـ ش ن ق)

- ‌هـ ط ق

- ‌هـ غ ق

- ‌هـ ف ت ق

- ‌هـ ق ق

- ‌هـ ل ق

- ‌هـ م ق

- ‌هـ م ل ق

- ‌هـ ن ق

- ‌هـ ن ب ق

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- ‌هـ ن د ل ق

- ‌هـ ي ق

- ‌(فصل الْيَاء مَعَ الْقَاف)

- ‌ي ر ق

- ‌ي ر م ق

- ‌ي س ق

- ‌ي ط ق

- ‌ي ق ق

- ‌ي ل ق

- ‌ي ل م ق

- ‌ي ن ق

- ‌(بَاب الْكَاف)

- ‌(فصل الْهمزَة مَعَ الْكَاف)

- ‌أَب ك

- ‌أد ك

- ‌أذ ك

- ‌أر ك

- ‌أز ك

- ‌أس ك

- ‌أش ك

- ‌أُفٍّ ك

- ‌أك ك

- ‌أل ك

- ‌أَن ك

- ‌أوك

- ‌أَي ك

- ‌(فصل الباءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ب ب ك

- ‌ب ت ك

- ‌ب خَ ن ك

- ‌ب ذ ك

- ‌ب ر ك

- ‌ب ر ت ك

- ‌ب ر ز ك

- ‌ب ر ش ك

- ‌ب ر ش ت ك

- ‌ب ر م ك

- ‌ب ر ن ك

- ‌ب ز ر ك

- ‌ب ز ك

- ‌ب س ك

- ‌ب ش ك

- ‌ب ش ت ك

- ‌ب ش ن ك

- ‌ب ض ك

- ‌ب ط ر ك

- ‌ب ع ك

- ‌ب ع ل ب ك

- ‌ ب ك ك

- ‌ب ل د ك

- ‌(ب ل س ك)

- ‌ب ل ع ك

- ‌ب ل ك

- ‌ب ن ك

- ‌ب ن د ك

- ‌ب وك

- ‌(فصل التاءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ت ب ك

- ‌ت ب ذ ك

- ‌ت ب ر ك

- ‌ت ر ك

- ‌ت ر ن ك

- ‌ت ك ك

- ‌ت ل ك

- ‌ت م ك

- ‌ت ي ك

- ‌(فصل الثّاءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ث ك ك

- ‌(فصل الجِيمِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ج ر ك

- ‌ج ر ع ك

- ‌ج ر م ك

- ‌ج ك ج ك

- ‌ج ل ك

- ‌ج م ك

- ‌ج وك

- ‌ج ن ك

- ‌ج ي ك

- ‌(فصل الحاءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ح ب ك

- ‌ح ب ت ك

- ‌(ح ب ر ت ك)

- ‌(ح ب ر ك)

- ‌ح ت ك

- ‌ح ر ت ك

- ‌ح ر ك

- ‌ح ز ك

- ‌ح س ك

- ‌ح ش ك

- ‌ح ف ل ك

- ‌ح ف ن ك

- ‌ح ك ك

- ‌ح ل ك

- ‌ح م ك

- ‌ح م ل ك

- ‌ح ن ك

- ‌(ح وك)

- ‌(ح ي ك)

- ‌(فصل الْخَاء الْمُعْجَمَة مَعَ الْكَاف)

- ‌(خَ ب ك)

- ‌(خَ ر ك)

- ‌(خَ ر ت ن ك)

- ‌(خَ س ك)

- ‌(خَ ش ك)

- ‌(خَ ل ك)

- ‌(فصل الدَّال مَعَ الْكَاف)

- ‌(د أك)

- ‌(د ب ك)

- ‌(د ب ر ك)

- ‌(د ب ع ك)

- ‌(د ر ك)

- ‌د ر ب ك

- ‌د ر ج ك

- ‌د ر م ك

- ‌د ر ن ك

- ‌د ز ك

- ‌د س ك

- ‌د س ت ك

- ‌د ش ت ك

- ‌د ع ك

- ‌د ك ك

- ‌د ل ك

- ‌د ل ع ك

- ‌د م ك

- ‌د م ل ك

- ‌د م ن ك

- ‌د ن ك

- ‌د وك

- ‌د هـ ك

- ‌د هـ ل ك

- ‌د ي ز ك

- ‌د ي ك

- ‌(فصل الذَّال الْمُعْجَمَة مَعَ الْكَاف)

- ‌ذ ك ك

- ‌(فصل الراءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ر ب ك

- ‌ر ت ك

- ‌ر ج ك

- ‌ر د ك

- ‌ر ذ ك

- ‌ر ز ك

- ‌ر ش ك

- ‌ر ض ك

- ‌ر ك ك

- ‌ر م ك

- ‌ر ن ك

- ‌ر وك

- ‌ر هـ ك

- ‌ر ي ك

- ‌(فصل الزَّاي مَعَ الْكَاف)

- ‌ز أك

- ‌ز ب ع ك

- ‌ز ح ك

- ‌ز ح ل ك

- ‌ز ح م ك

- ‌ز د ك

- ‌ز ر ك

- ‌ز ر ن ك

- ‌ز ز ك

- ‌ز ع ك

- ‌ز ك ك

- ‌ز م ك

- ‌ز م ل ك

- ‌ز ن ك

- ‌ز وك

- ‌ز هـ ك

- ‌ز ي ك

- ‌(فصل السِّين الْمُهْملَة مَعَ الْكَاف)

- ‌س ب ك

- ‌س ب ن ك

- ‌س ت ك

- ‌س ح ك

- ‌س د ك

- ‌س د ن ك

- ‌س ر ك

- ‌س س ك

- ‌س ف ك

- ‌س ك ك

- ‌س ك ر ك

- ‌س ل ك

- ‌س م ك

- ‌س م ل ك

- ‌س م ن ك

- ‌س ن ك

- ‌س ن ب ك

- ‌س هـ ك

- ‌س وك

- ‌(فصل الشين الْمُعْجَمَة مَعَ الْكَاف)

- ‌ش ب ك

- ‌ش ح ك

- ‌ش خَ ن ك

- ‌شدك

- ‌شذك

- ‌شرك

- ‌ش ك ك

- ‌ش ل ك

- ‌ش ن ب ك

- ‌ش ن ك

- ‌ش وك

- ‌ش هـ ر ب اب ك

- ‌(فصل الصَّاد الْمُهْملَة مَعَ الْكَاف)

- ‌ص أك

- ‌ص ع ل ك

- ‌ص ك ك

- ‌ص ل ك

- ‌ص م ك

- ‌ص م ل ك

- ‌ص هـ ك

- ‌ص وك

- ‌ص ي ك

- ‌(فصل الضَّاد الْمُعْجَمَة مَعَ الْكَاف)

- ‌ض أك

- ‌ض ب ك

- ‌ض ب ر ك

- ‌ض ح ك

- ‌ض ر ك

- ‌ض ك ك

- ‌ض م ك

- ‌ض ن ك

- ‌ض وك

- ‌ض ي ك

- ‌(فصل الطَّاء مَعَ الْكَاف)

- ‌ط ب ر ك

- ‌ط ح ك

- ‌ط ر ك

- ‌ط س ك

- ‌ط ل م ن ك

- ‌(فصل الْعين الْمُهْملَة مَعَ الْكَاف)

- ‌ع ب ك

- ‌ع ب ن ك

- ‌ع ت ك

- ‌ع ث ك

- ‌ع د ك

- ‌ع ر ك

- ‌ع س ك

- ‌ع ض ن ك

- ‌ع ف ك

- ‌ع ك ك

- ‌ع ل ك

- ‌ع م ك

- ‌ع ن ك

- ‌ع ن ف ك

- ‌ع وك

- ‌ع هـ ك

- ‌ع ي ك

- ‌(فصل الغينِ الْمُعْجَمَة مَعَ الْكَاف)

- ‌غ ر ك

- ‌غ س ك

- ‌غ ي ك

- ‌(فصل الفاءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ف ت ك

- ‌ف د ك

- ‌ف ذ ل ك

- ‌ف ر ك

- ‌ف ر ت ك

- ‌ف ر س ك

- ‌ف س ك

- ‌ف ك ك

- ‌ف ل ك

- ‌ف ن ك

- ‌ف ن ج ك

- ‌ف وك

- ‌ف هـ ك

- ‌(فصل الْكَاف مَعَ نَفسهَا)

- ‌ك د ك

- ‌ك ذ ك

- ‌ك ر ب ك

- ‌ك ر ك

- ‌ك ش ك

- ‌كزمزك

- ‌كعك

- ‌ك ك ك

- ‌ك ل ك

- ‌ك ل ن ك

- ‌ك ن ر ك

- ‌ك وك

- ‌ك هـ ك

- ‌ك ي ك

- ‌(فصل اللَّام مَعَ الْكَاف)

- ‌ل أك

- ‌ل ب ك

- ‌ل ح ك

- ‌ل د ك

- ‌ل ز ك

- ‌ل ف ك

- ‌ل ك ك

- ‌ل ل ك

- ‌ل م ك

- ‌ل وك

- ‌ل ي ك

- ‌(فصل الْمِيم مَعَ الْكَاف)

- ‌م ت ك

- ‌م ح ك

- ‌م ر ك

- ‌م ر ت ك

- ‌م ر ش ك

- ‌م ز د ك

- ‌م س ك

- ‌م ش ك

- ‌م ص ط ك

- ‌م ع ك

- ‌م غ ك

- ‌م ك ك

- ‌م ل ك

- ‌م ن ك

- ‌م هـ ك

- ‌(فصل النُّون مَعَ الْكَاف)

- ‌ن ب ك

- ‌ن ت ك

- ‌ن د ك

- ‌ن ز ك

- ‌ن س ك

- ‌ن ش ك

- ‌ن ط ك

- ‌ن ف ك

- ‌ن ك ك

- ‌ن ل ك

- ‌ن ن ك

- ‌ن وك

- ‌ن هـ ك

- ‌ن ي ك

- ‌ن وك ذ ك

- ‌(فصل الْوَاو مَعَ الْكَاف)

- ‌وت ك

- ‌ود ك

- ‌ور ك

- ‌وز ك

- ‌وش ك

- ‌وع ك

- ‌وك ك

- ‌وم ك

- ‌ون ك

- ‌وهـ ك

- ‌وي ك

- ‌(فصل الهاءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌هـ ب ك

- ‌هـ ب ر ك

- ‌هـ ب ن ك

- ‌هـ ت ك

- ‌هـ ت ر ك

- ‌هـ د ك

- ‌هـ ف ك

- ‌هـ ك ك

- ‌هـ ل ك

- ‌هـ م ك

- ‌هـ ن ب ك

- ‌هـ ن د ك

- ‌هـ ن ك

- ‌هـ وك

- ‌هـ ي ك

- ‌(فصل الياءِ مَعَ الْكَاف)

- ‌ي ك ك

- ‌(بَاب اللَّام)

- ‌(فصل الْهمزَة مَعَ اللَّام)

- ‌أَب ل

- ‌أَب هـ ل

- ‌أت ل

- ‌أث ل

- ‌أث ج ل

- ‌أث ك ل

- ‌أج ل

- ‌أد ل

- ‌أر د خَ ل

- ‌أر ل

- ‌أر د ب ل

- ‌أر د ول

- ‌أر م ل ل

- ‌أر م أل

- ‌أز ل

- ‌أس ل

- ‌أس م ع ل

- ‌أش ل

- ‌أص ل

- ‌أص ط ب ل

- ‌أص ط ف ل

- ‌أص ط خَ ل

- ‌أط ل

الفصل: ‌(فصل الهمزة مع الكاف)

(بَاب الْكَاف)

وَهُوَ من الْحُرُوف المهموزة قَالَ الْأَزْهَرِي والمهموس: حرف لَان فِي مخرجة دون المجهور وَجرى مَعَه النَّفس فَكَانَ دون المجهور فِي رفع الصَّوْت وعدة حُرُوفه عشرَة هِيَ: ت ث خَ س ش ص ف ك هـ قَالَ: ومخرج الْجِيم وَالْقَاف وَالْكَاف بَين عكدة اللِّسَان وَبَين اللهاة فِي أقْصَى الْفَم قَالَ شَيخنَا: أبدلت الْكَاف من حرفين: الْقَاف فِي قَوْلهم عَرَبِيّ كح أَي قح وَالتَّاء فِي قَول الراجز: يَا ابْن الزبير طالما عصيكا أَي عصيت أنْشدهُ أَبُو عَليّ قَالَ ابْن أم قَاسم قلت: وَمن ابدال الْقَاف كافا قَوْلهم للمجنون هُوَ مألوق ومألوك نَقله ابْن عباد وَسَيَأْتِي ويبدل أَيْضا بِالْجِيم يُقَال: مَا تلوكت بألوك وعلوك وعلوج وَكَذَلِكَ مر يرتك ويرتج عَن يَعْقُوب

(فصل الْهمزَة مَعَ الْكَاف)

‌أَب ك

! آبَكُ، كأَحْمَدَ: وَوَقع فِي نُسخَةِ شَيخِنا أَرْبَك بالرَّاءِ، فَقَالَ: الظّاهِرُ أَنّ أَلفَه زائِدَةٌ، فَالصَّوَاب ذكره فِي الراءِ، وَلَا سِيّما وَقد وَزَنَه بأَحْمَدَ إِلى آخر مَا قالَ، وأَنتَ خَبِيرٌ بأَنَّ أَرْبَكَ لَا يَشُكُّ فِيهِ أَحدٌ أَنّه من رَبَك، فَلَا يُحْتاج التّنْبِيه عَلَيْهِ، إِنّما الغلَطُ فِي نُسخَتِه، والصوابُ مَا عِنْدَنا آبَكُ هَكَذَا بالمَدّ، وَلَو وَزَنَه بهاجَرَ كَانَ أَحْسَن، ثمَّ إِن هَذَا الموضِعَ لم يذكُره الصَّاغَانِي، وَلَا ياقوت، وَلَا نَصْر،

ص: 34