المَكتَبَةُ الشَّامِلَةُ السُّنِّيَّةُ

الرئيسية

أقسام المكتبة

المؤلفين

القرآن

البحث 📚

أو ما دون الوطء من القبلة والغمزة والنظرة والمضاجعة، أو - تفسير العز بن عبد السلام - جـ ٣

[عز الدين بن عبد السلام]

فهرس الكتاب

- ‌1

- ‌2

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌1

- ‌ فاطر

- ‌2

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌18

- ‌22

- ‌24

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌43

- ‌35

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌43

- ‌45

- ‌1

- ‌{يس}

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌55

- ‌57

- ‌58

- ‌62

- ‌65

- ‌66

- ‌67

- ‌68

- ‌70

- ‌71

- ‌72

- ‌73

- ‌75

- ‌77

- ‌80

- ‌82

- ‌83

- ‌1

- ‌الصَّآفَّاتِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌45

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌62

- ‌63

- ‌64

- ‌65

- ‌67

- ‌68

- ‌70

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌83

- ‌84

- ‌88

- ‌91

- ‌93

- ‌91

- ‌98

- ‌99

- ‌101

- ‌102

- ‌103

- ‌105

- ‌106

- ‌107

- ‌108

- ‌124

- ‌125

- ‌130

- ‌135

- ‌139

- ‌140

- ‌141

- ‌142

- ‌143

- ‌144

- ‌145

- ‌146

- ‌147

- ‌156

- ‌158

- ‌161

- ‌162

- ‌163

- ‌164

- ‌165

- ‌166

- ‌172

- ‌174

- ‌175

- ‌1

- ‌{ص}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌52

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌62

- ‌63

- ‌67

- ‌69

- ‌75

- ‌84

- ‌86

- ‌88

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌39

- ‌42

- ‌45

- ‌46

- ‌49

- ‌53

- ‌55

- ‌56

- ‌61

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌71

- ‌73

- ‌75

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌36

- ‌37

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌51

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌60

- ‌61

- ‌63

- ‌75

- ‌83

- ‌3

- ‌{فصلت

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌53

- ‌54

- ‌5

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌23

- ‌24

- ‌28

- ‌30

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌45

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌8

- ‌10

- ‌12

- ‌13

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌23

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌38

- ‌41

- ‌44

- ‌45

- ‌49

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌63

- ‌65

- ‌67

- ‌70

- ‌71

- ‌77

- ‌79

- ‌81

- ‌84

- ‌86

- ‌88

- ‌89

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌10

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌32

- ‌33

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌43

- ‌44

- ‌47

- ‌49

- ‌51

- ‌53

- ‌58

- ‌59

- ‌2

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌14

- ‌17

- ‌18

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌28

- ‌29

- ‌34

- ‌37

- ‌3

- ‌4

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌26

- ‌29

- ‌32

- ‌35

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌25

- ‌26

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌1

- ‌الفتح

- ‌2

- ‌4

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌18

- ‌16

- ‌17

- ‌1

- ‌{ق}

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌45

- ‌1

- ‌{الذاريات}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌39

- ‌41

- ‌42

- ‌47

- ‌49

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌59

- ‌1

- ‌{الطور}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌13

- ‌18

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌37

- ‌38

- ‌44

- ‌45

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌1

- ‌النَّجْمِ}

- ‌2

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌37

- ‌43

- ‌44

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌1

- ‌ الْقَمَرُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌19

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌28

- ‌29

- ‌31

- ‌34

- ‌37

- ‌38

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌49

- ‌50

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌1

- ‌{الرَّحْمَنُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌24

- ‌29

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌37

- ‌39

- ‌44

- ‌46

- ‌48

- ‌54

- ‌56

- ‌60

- ‌62

- ‌64

- ‌66

- ‌70

- ‌72

- ‌76

- ‌78

- ‌1

- ‌{الْوَاقِعَةُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌10

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌31

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌55

- ‌58

- ‌60

- ‌65

- ‌66

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌81

- ‌82

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌91

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌1

- ‌2

- ‌5

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌19

- ‌22

- ‌2

- ‌ الْحَشْرِ}

- ‌3

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌1

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌2

- ‌3

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌11

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌1

- ‌ الطلاق

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌12

- ‌5

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌12

- ‌1

- ‌{الْمُلْكُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌22

- ‌24

- ‌27

- ‌30

- ‌1

- ‌الْقَلَمِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌39

- ‌40

- ‌42

- ‌44

- ‌48

- ‌49

- ‌51

- ‌52

- ‌1

- ‌{الْحَآقَّةُ}

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌27

- ‌29

- ‌35

- ‌36

- ‌40

- ‌45

- ‌46

- ‌48

- ‌50

- ‌51

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌13

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌23

- ‌32

- ‌33

- ‌36

- ‌37

- ‌43

- ‌1

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌1

- ‌ الْجِنِّ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌13

- ‌14

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌1

- ‌{الْمُزَّمِّلُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌20

- ‌1

- ‌{الْمُدَّثِّرُ}

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌45

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌56

- ‌ القيامة

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌36

- ‌37

- ‌1

- ‌{الإِنسَانِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌1

- ‌الْمُرْسَلاتِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌39

- ‌48

- ‌50

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌1

- ‌النَّازِعَاتِ}

- ‌17

- ‌3

- ‌4

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌18

- ‌20

- ‌23

- ‌25

- ‌29

- ‌30

- ‌34

- ‌40

- ‌42

- ‌43

- ‌46

- ‌1

- ‌{عَبَسَ

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌38

- ‌41

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌29

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌1

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌14

- ‌18

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌31

- ‌36

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌23

- ‌25

- ‌1

- ‌{الْبُرُوجِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌17

- ‌7

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌22

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌1

- ‌{الْغَاشِيَةِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌1

- ‌الْفَجْرِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌13

- ‌14

- ‌19

- ‌20

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌1

- ‌{الْبَلَدِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌2

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌14

- ‌15

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌1

- ‌الضُّحَى} ]

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌1

- ‌التِّينِ

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌1

- ‌ القدر} [

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌{البينة}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ الزلزلة:

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌1

- ‌الْعَادِيَاتِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌1

- ‌{الْقَارِعَةُ}

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌1

- ‌{التَّكَاثُرُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌1

- ‌الْعَصْرِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌1

- ‌ الهمزة

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌1

- ‌ الفيل

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ قريش

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌1

- ‌{الْكَوْثَرَ}

- ‌2

- ‌3

- ‌1

- ‌2

- ‌6

- ‌1

- ‌{النصر}

- ‌2

- ‌3

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ الإخلاص

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌1

- ‌{الْفَلَقِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ النَّاسِ}

- ‌4

- ‌5

- ‌6

الفصل: أو ما دون الوطء من القبلة والغمزة والنظرة والمضاجعة، أو

أو ما دون الوطء من القبلة والغمزة والنظرة والمضاجعة، أو صغائر الذنوب، أو ما لا حد عليه في الدنيا ولا عذاب في الآخرة " ع "، أو النظرة الأولى فإن عاد فليس بلمم جعله ما لم يتكرر من الذنوب، أو النكاح قيل: نزلت في نبهان التمار أتته امرأة تشتري تمراً فقال إن داخل الدكان ما هو خير من هذا فلما دخلت روادها عن نفسها [188 / ب] / فأبت وندم نبهان وأتى الرسول [صلى الله عليه وسلم] فقال: ما من شيء يصنعه الرجل إلا وقد فعلته إلى الجماع فقال: لعل زوجها غازٍ فنزلت {أَنشَأكُمْ من الأرض} آدم عليه الصلاة والسلام {فَلا تُزَكُّواْ} لا تمادحوا، أو لا تعملوا بالمعاصي وتقولون نعمل بالطاعة، أو إذا عملت خيراً فلا تقل عملت كذا أو كذا.

{أفرأيت الذي تولى (33) وأعطى قليلاً وأكدى (34) أعنده علم الغيب فهو يرى (35) أم لم ينبأ بما في صحف موسى (36) وإبراهيم الذي وفى (37) ألا تزر وازرة وزر أخرى (38) وأن ليس للإنسان إلا ما سعى (39) وأن سعيه سوف يُرى (40) ثم يجزاه الجزاء الأوفى (41) }

ص: 249

‌33

- {الَّذِى تَوَلَّى} العاص بن وائل، أو الوليد بن المغيرة كان يأتي

ص: 249