المَكتَبَةُ الشَّامِلَةُ السُّنِّيَّةُ

الرئيسية

أقسام المكتبة

المؤلفين

القرآن

البحث 📚

أنفسهم أو قوا أنفسكم ومروا أهليكم حتى يقيكم الله تعالى - تفسير العز بن عبد السلام - جـ ٣

[عز الدين بن عبد السلام]

فهرس الكتاب

- ‌1

- ‌2

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌1

- ‌ فاطر

- ‌2

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌18

- ‌22

- ‌24

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌43

- ‌35

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌43

- ‌45

- ‌1

- ‌{يس}

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌55

- ‌57

- ‌58

- ‌62

- ‌65

- ‌66

- ‌67

- ‌68

- ‌70

- ‌71

- ‌72

- ‌73

- ‌75

- ‌77

- ‌80

- ‌82

- ‌83

- ‌1

- ‌الصَّآفَّاتِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌45

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌62

- ‌63

- ‌64

- ‌65

- ‌67

- ‌68

- ‌70

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌83

- ‌84

- ‌88

- ‌91

- ‌93

- ‌91

- ‌98

- ‌99

- ‌101

- ‌102

- ‌103

- ‌105

- ‌106

- ‌107

- ‌108

- ‌124

- ‌125

- ‌130

- ‌135

- ‌139

- ‌140

- ‌141

- ‌142

- ‌143

- ‌144

- ‌145

- ‌146

- ‌147

- ‌156

- ‌158

- ‌161

- ‌162

- ‌163

- ‌164

- ‌165

- ‌166

- ‌172

- ‌174

- ‌175

- ‌1

- ‌{ص}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌52

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌62

- ‌63

- ‌67

- ‌69

- ‌75

- ‌84

- ‌86

- ‌88

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌39

- ‌42

- ‌45

- ‌46

- ‌49

- ‌53

- ‌55

- ‌56

- ‌61

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌71

- ‌73

- ‌75

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌36

- ‌37

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌51

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌60

- ‌61

- ‌63

- ‌75

- ‌83

- ‌3

- ‌{فصلت

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌53

- ‌54

- ‌5

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌23

- ‌24

- ‌28

- ‌30

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌45

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌8

- ‌10

- ‌12

- ‌13

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌23

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌38

- ‌41

- ‌44

- ‌45

- ‌49

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌63

- ‌65

- ‌67

- ‌70

- ‌71

- ‌77

- ‌79

- ‌81

- ‌84

- ‌86

- ‌88

- ‌89

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌10

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌32

- ‌33

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌43

- ‌44

- ‌47

- ‌49

- ‌51

- ‌53

- ‌58

- ‌59

- ‌2

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌14

- ‌17

- ‌18

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌28

- ‌29

- ‌34

- ‌37

- ‌3

- ‌4

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌26

- ‌29

- ‌32

- ‌35

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌25

- ‌26

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌1

- ‌الفتح

- ‌2

- ‌4

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌18

- ‌16

- ‌17

- ‌1

- ‌{ق}

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌45

- ‌1

- ‌{الذاريات}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌39

- ‌41

- ‌42

- ‌47

- ‌49

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌59

- ‌1

- ‌{الطور}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌13

- ‌18

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌37

- ‌38

- ‌44

- ‌45

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌1

- ‌النَّجْمِ}

- ‌2

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌37

- ‌43

- ‌44

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌1

- ‌ الْقَمَرُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌19

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌28

- ‌29

- ‌31

- ‌34

- ‌37

- ‌38

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌49

- ‌50

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌1

- ‌{الرَّحْمَنُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌24

- ‌29

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌37

- ‌39

- ‌44

- ‌46

- ‌48

- ‌54

- ‌56

- ‌60

- ‌62

- ‌64

- ‌66

- ‌70

- ‌72

- ‌76

- ‌78

- ‌1

- ‌{الْوَاقِعَةُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌10

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌31

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌55

- ‌58

- ‌60

- ‌65

- ‌66

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌81

- ‌82

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌91

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌1

- ‌2

- ‌5

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌19

- ‌22

- ‌2

- ‌ الْحَشْرِ}

- ‌3

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌1

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌2

- ‌3

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌11

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌1

- ‌ الطلاق

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌12

- ‌5

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌12

- ‌1

- ‌{الْمُلْكُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌22

- ‌24

- ‌27

- ‌30

- ‌1

- ‌الْقَلَمِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌39

- ‌40

- ‌42

- ‌44

- ‌48

- ‌49

- ‌51

- ‌52

- ‌1

- ‌{الْحَآقَّةُ}

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌27

- ‌29

- ‌35

- ‌36

- ‌40

- ‌45

- ‌46

- ‌48

- ‌50

- ‌51

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌13

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌23

- ‌32

- ‌33

- ‌36

- ‌37

- ‌43

- ‌1

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌1

- ‌ الْجِنِّ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌13

- ‌14

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌1

- ‌{الْمُزَّمِّلُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌20

- ‌1

- ‌{الْمُدَّثِّرُ}

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌45

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌56

- ‌ القيامة

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌36

- ‌37

- ‌1

- ‌{الإِنسَانِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌1

- ‌الْمُرْسَلاتِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌39

- ‌48

- ‌50

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌1

- ‌النَّازِعَاتِ}

- ‌17

- ‌3

- ‌4

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌18

- ‌20

- ‌23

- ‌25

- ‌29

- ‌30

- ‌34

- ‌40

- ‌42

- ‌43

- ‌46

- ‌1

- ‌{عَبَسَ

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌38

- ‌41

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌29

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌1

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌14

- ‌18

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌31

- ‌36

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌8

- ‌9

- ‌14

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌23

- ‌25

- ‌1

- ‌{الْبُرُوجِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌17

- ‌7

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌22

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌1

- ‌{الْغَاشِيَةِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌1

- ‌الْفَجْرِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌13

- ‌14

- ‌19

- ‌20

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌1

- ‌{الْبَلَدِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌2

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌14

- ‌15

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌1

- ‌الضُّحَى} ]

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌1

- ‌التِّينِ

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌1

- ‌ القدر} [

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌{البينة}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ الزلزلة:

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌1

- ‌الْعَادِيَاتِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌1

- ‌{الْقَارِعَةُ}

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌1

- ‌{التَّكَاثُرُ}

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌1

- ‌الْعَصْرِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌1

- ‌ الهمزة

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌1

- ‌ الفيل

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ قريش

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌1

- ‌{الْكَوْثَرَ}

- ‌2

- ‌3

- ‌1

- ‌2

- ‌6

- ‌1

- ‌{النصر}

- ‌2

- ‌3

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ الإخلاص

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌1

- ‌{الْفَلَقِ}

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌1

- ‌ النَّاسِ}

- ‌4

- ‌5

- ‌6

الفصل: أنفسهم أو قوا أنفسكم ومروا أهليكم حتى يقيكم الله تعالى

أنفسهم أو قوا أنفسكم ومروا أهليكم حتى يقيكم الله تعالى بهم " ع " أو أنفسكم بأفعالكم وأهليكم بوصيتكم إياهم بالطاعة وترك المعصية أو بتعلم الفروض وآداب الدنيا أو بتعلم الخير والأمر به وتعلم الشر والنهي عنه {وَالْحِجَارَةُ} المعبودة أو حجارة الكبريت أو ذكر الحجارة لينبه على أن ما أحرق الحجارة فهو أبلغ في أحراق الناس {غِلاظٌ} القلوب {شداد} الأبدان.

ص: 338

‌8

- {نصوحا} ناصحة صادقة أو أن يبغض الذنب ويستغفر منه إذا ذكره أو أن لا يثق بقبولها ويكون على وجل منها أو لا يحتاج معها إلى توبة أو لا يعود إلى الذنب الذي تاب منه أبداً. والنصوح من النصاحة وهي الخياطة لأنها أحكمت الطاعة كما يحكم الخياط الثوب بالخياطة، أو لأنها تجمع بينه وبين أولياء الله تعالى وتلصقه بهم كما يجمع الخياط الثوب ويلصق بعضه ببعض {ونُصُوحاً} توبة نصح لأنفسهم.

{يا أيها النبيُّ جاهدِ الكُفَّارَ والمنافقينَ واغلُظْ عليهمْ ومأواهمْ جهنَّمُ وبئسَ المصيرُ (9) }

ص: 338

‌9

- {جَاهِدَ الْكُفَّارَ} بالسيف {وَالْمُنَافِقِينَ} بالغلظة أو بالقول " ع " أو بإقامة الحدود أو بيده فإن لم يستطع فبلسانه فإن لم يستطع فبقلبه وليلقهم بوجه مكفهر {واغلظ} بالقول والزجر أو بالإبعاد والهجر ".

{ضَرَبَ اللهُ مثلاً للذينَ كفرواْ امرأتَ نوحٍ وامرأتَ لوطٍ كانَتَا تَحْتَ عَبْدِيْنِ مِنْ عِبَادِنَا صالحيْنِ فَخَانَتَاهُمَا فلم يغنيا عنهما مِنَ اللهِ شيئاً وَقِيلَ ادخُلَا النَّارَ مَعَ الدَّاخِلِينَ (10) وَضَرَبَ اللهُ مثلاً للذينَ ءامنواْ امرأتَ فِرعونَ إذْ قالتْ ربِّ ابنِ لِى

ص: 338