المَكتَبَةُ الشَّامِلَةُ السُّنِّيَّةُ

الرئيسية

أقسام المكتبة

المؤلفين

القرآن

البحث 📚

‌ ‌33 - {قوة} عدد وعدة. {بأس} شجاعة وآله / [131 - تفسير العز بن عبد السلام - جـ ٢

[عز الدين بن عبد السلام]

فهرس الكتاب

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌9

- ‌12

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌55

- ‌57

- ‌58

- ‌60

- ‌61

- ‌63

- ‌64

- ‌67

- ‌69

- ‌72

- ‌73

- ‌74

- ‌75

- ‌79

- ‌80

- ‌81

- ‌82

- ‌83

- ‌84

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌90

- ‌91

- ‌92

- ‌93

- ‌97

- ‌98

- ‌99

- ‌100

- ‌101

- ‌102

- ‌106

- ‌107

- ‌108

- ‌109

- ‌110

- ‌111

- ‌112

- ‌114

- ‌115

- ‌117

- ‌118

- ‌119

- ‌122

- ‌123

- ‌124

- ‌125

- ‌126

- ‌128

- ‌129

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌24

- ‌26

- ‌30

- ‌36

- ‌37

- ‌39

- ‌45

- ‌47

- ‌53

- ‌58

- ‌62

- ‌64

- ‌71

- ‌73

- ‌78

- ‌85

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌92

- ‌93

- ‌94

- ‌98

- ‌100

- ‌105

- ‌108

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌23

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌40

- ‌41

- ‌43

- ‌44

- ‌46

- ‌52

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌70

- ‌71

- ‌72

- ‌73

- ‌74

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌80

- ‌81

- ‌82

- ‌83

- ‌84

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌91

- ‌92

- ‌93

- ‌99

- ‌100

- ‌101

- ‌105

- ‌106

- ‌107

- ‌108

- ‌109

- ‌113

- ‌114

- ‌116

- ‌118

- ‌119

- ‌120

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌12

- ‌13

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌64

- ‌65

- ‌66

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌70

- ‌72

- ‌73

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌80

- ‌81

- ‌82

- ‌83

- ‌84

- ‌85

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌90

- ‌91

- ‌92

- ‌93

- ‌94

- ‌95

- ‌96

- ‌97

- ‌98

- ‌99

- ‌100

- ‌101

- ‌102

- ‌106

- ‌108

- ‌109

- ‌110

- ‌111

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌26

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌38

- ‌39

- ‌41

- ‌43

- ‌1

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌10

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌31

- ‌37

- ‌43

- ‌44

- ‌46

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌1

- ‌2

- ‌5

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌26

- ‌27

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌46

- ‌47

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌60

- ‌65

- ‌66

- ‌72

- ‌75

- ‌76

- ‌78

- ‌79

- ‌80

- ‌82

- ‌85

- ‌87

- ‌88

- ‌90

- ‌91

- ‌93

- ‌94

- ‌95

- ‌97

- ‌99

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌8

- ‌14

- ‌16

- ‌18

- ‌26

- ‌32

- ‌43

- ‌44

- ‌47

- ‌50

- ‌52

- ‌53

- ‌58

- ‌59

- ‌62

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌70

- ‌71

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌81

- ‌83

- ‌90

- ‌91

- ‌92

- ‌97

- ‌98

- ‌99

- ‌100

- ‌101

- ‌103

- ‌106

- ‌112

- ‌119

- ‌120

- ‌112

- ‌123

- ‌124

- ‌125

- ‌126

- ‌128

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌20

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌28

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌44

- ‌45

- ‌47

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌57

- ‌60

- ‌62

- ‌64

- ‌71

- ‌73

- ‌75

- ‌76

- ‌78

- ‌79

- ‌80

- ‌81

- ‌83

- ‌84

- ‌85

- ‌90

- ‌92

- ‌93

- ‌97

- ‌100

- ‌101

- ‌102

- ‌103

- ‌104

- ‌106

- ‌110

- ‌111

- ‌1

- ‌2

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌14

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌37

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌55

- ‌56

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌65

- ‌66

- ‌68

- ‌71

- ‌73

- ‌74

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌80

- ‌81

- ‌82

- ‌83

- ‌84

- ‌85

- ‌86

- ‌89

- ‌90

- ‌93

- ‌94

- ‌95

- ‌96

- ‌97

- ‌98

- ‌99

- ‌101

- ‌102

- ‌103

- ‌105

- ‌107

- ‌108

- ‌109

- ‌110

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌16

- ‌18

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌38

- ‌39

- ‌46

- ‌47

- ‌50

- ‌52

- ‌54

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌62

- ‌64

- ‌65

- ‌68

- ‌69

- ‌70

- ‌71

- ‌73

- ‌74

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌80

- ‌82

- ‌83

- ‌84

- ‌85

- ‌86

- ‌87

- ‌89

- ‌96

- ‌98

- ‌1

- ‌{طه}

- ‌2

- ‌3

- ‌2

- ‌7

- ‌9

- ‌10

- ‌12

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌22

- ‌27

- ‌31

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌44

- ‌45

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌54

- ‌56

- ‌58

- ‌59

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌64

- ‌66

- ‌67

- ‌72

- ‌73

- ‌77

- ‌81

- ‌82

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌92

- ‌93

- ‌94

- ‌95

- ‌96

- ‌97

- ‌98

- ‌102

- ‌103

- ‌104

- ‌105

- ‌106

- ‌107

- ‌108

- ‌112

- ‌113

- ‌114

- ‌115

- ‌117

- ‌123

- ‌124

- ‌129

- ‌130

- ‌131

- ‌132

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌12

- ‌13

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌28

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌37

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌48

- ‌51

- ‌58

- ‌61

- ‌63

- ‌64

- ‌65

- ‌68

- ‌71

- ‌72

- ‌74

- ‌76

- ‌80

- ‌81

- ‌84

- ‌85

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌90

- ‌91

- ‌92

- ‌93

- ‌95

- ‌96

- ‌98

- ‌101

- ‌103

- ‌104

- ‌105

- ‌106

- ‌107

- ‌109

- ‌111

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌9

- ‌11

- ‌13

- ‌15

- ‌18

- ‌20

- ‌21

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌40

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌55

- ‌60

- ‌62

- ‌67

- ‌73

- ‌74

- ‌76

- ‌78

- ‌1

- ‌ الْمُؤْمِنُونَ}

- ‌2

- ‌3

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌20

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌29

- ‌37

- ‌41

- ‌46

- ‌47

- ‌50

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌60

- ‌61

- ‌63

- ‌64

- ‌66

- ‌67

- ‌72

- ‌74

- ‌79

- ‌80

- ‌88

- ‌89

- ‌96

- ‌97

- ‌98

- ‌100

- ‌101

- ‌106

- ‌108

- ‌110

- ‌112

- ‌117

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌21

- ‌22

- ‌26

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌54

- ‌55

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌1

- ‌{الْفُرْقَانَ}

- ‌4

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌13

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌30

- ‌32

- ‌39

- ‌40

- ‌43

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌65

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌70

- ‌72

- ‌73

- ‌74

- ‌75

- ‌77

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌7

- ‌13

- ‌14

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌32

- ‌36

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌58

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌64

- ‌78

- ‌83

- ‌84

- ‌86

- ‌89

- ‌94

- ‌95

- ‌100

- ‌101

- ‌111

- ‌116

- ‌118

- ‌128

- ‌129

- ‌130

- ‌138

- ‌148

- ‌149

- ‌153

- ‌182

- ‌183

- ‌184

- ‌187

- ‌193

- ‌195

- ‌196

- ‌200

- ‌212

- ‌218

- ‌219

- ‌224

- ‌225

- ‌226

- ‌227

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌25

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌54

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌66

- ‌72

- ‌75

- ‌82

- ‌83

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌90

- ‌91

- ‌93

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌34

- ‌38

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌46

- ‌48

- ‌51

- ‌52

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌61

- ‌66

- ‌68

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌81

- ‌82

- ‌83

- ‌85

- ‌88

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌8

- ‌13

- ‌14

- ‌21

- ‌26

- ‌27

- ‌29

- ‌41

- ‌45

- ‌46

- ‌48

- ‌49

- ‌52

- ‌53

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌60

- ‌64

- ‌67

- ‌69

- ‌ الروم

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌12

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌30

- ‌31

- ‌35

- ‌36

- ‌38

- ‌39

- ‌41

- ‌43

- ‌44

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌60

- ‌2

- ‌5

- ‌6

- ‌10

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌2

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌1

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌62

- ‌67

- ‌69

- ‌70

- ‌72

- ‌73

الفصل: ‌ ‌33 - {قوة} عدد وعدة. {بأس} شجاعة وآله / [131

‌33

- {قوة} عدد وعدة. {بأس} شجاعة وآله / [131 / أ] تفويضاً منهم الأمر إليها، أو إجابة منهم إلى قتاله.

ص: 464

‌34

- {دَخَلُواْ قَرْيَةً} أخذوها عنوة " ع ". {أَفْسَدُوهَا} أخربوها. {أَذِلَّةً} بالسيف، أو الاستعباد. {وَكّذَلِكَ يَفْعَلُونَ} من قول الله إنهم يفسدون القرى " ع "، أو قالت بلقيس وكذلك يفعل سليمان إذا دخل بلادنا.

ص: 464

‌35

- {بِهَدِيَّةٍ} لبنة من ذهب " ع "، أو صحائف الذهب في أوعية الديباج، أو جوهر، أو غلمان ولباسهم لباس الجواري وجواري لباسهم لباس الغلمان، ثمانون غلاماً وجارية أو ثمانون غلاماً وثمانون جارية وقصدت بالهدية استعطافه لعلمها بموقع الهدايا من الناس، أو اختبرته فإن قبل هديتها فهو مَلِك فتقاتله وإن لم يقبلها فهو نبي فلا طاقة لها به، أو اختبرته بأن يميز الجواري من الغلمان فأمرهم بالوضوء فاغترف الغلام بيده وأفرغت الجارية على يدها فميزهم بذلك، أو بغسل الغلمان ظهور السواعد قبل بطونها وغسل الجواري بطون السواعد قبل ظهورها، وبدأ الغلمان بغسل المرافق إلى الأكف وبدأ الجواري من الأكف إلى المرفق. {فلما جاء سليمان قال أتمدّونن بمالٍ فما ءاتان الله خيرٌ ممّا ءاتاكم بل أنتم بهديّتكم تفرحون ارجع إليهم فلنأتينّهم بجنودٍ لا قبل لهم بها ولنخرجنّهم منها أذلّةٌ وهم صاغرون}

ص: 464

‌36

- {فَلَمَّا جَآَءَ} رسلها، أو هداياها {أَتُمِدُّونَنِ بِمَالٍ} أمر الشياطين فموهوا لبِن المدينة وحيطانها بالذهب والفضة وبعثت إليه بعصا كان يتوارها ملوك حمير، وطلبت أن يميز أعلاها من أسفلها، وبقدح التمست أن يملأه ماء فريداً لا من الأرض ولا من السماء وبخرزتين ليثقب أحدهما وليدخل في ثقب

ص: 464