المَكتَبَةُ الشَّامِلَةُ السُّنِّيَّةُ

الرئيسية

أقسام المكتبة

المؤلفين

القرآن

البحث 📚

‌ ‌29 - {فَأَعْرِضْ عَنْ مَنْ تَوَلَّى عَنْ ذِكْرِنَا وَلَمْ يُرِدْ - المجتبى من مشكل إعراب القرآن - جـ ٤

[أحمد الخراط]

فهرس الكتاب

- ‌سورة محمد

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌سورة الفتح

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌سورة الحجرات

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌سورة ق

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌سورة الذاريات

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌سورة الطور

- ‌1

- ‌3

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌36

- ‌38

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌سورة النجم

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌61

- ‌62

- ‌سورة القمر

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌55

- ‌سورة الرحمن

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌24

- ‌26

- ‌27

- ‌29

- ‌31

- ‌33

- ‌35

- ‌37

- ‌39

- ‌41

- ‌43

- ‌44

- ‌46

- ‌48

- ‌50

- ‌52

- ‌54

- ‌56

- ‌58

- ‌60

- ‌62

- ‌64

- ‌66

- ‌68

- ‌70

- ‌72

- ‌74

- ‌76

- ‌78

- ‌سورة الواقعة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌44

- ‌45

- ‌47

- ‌48

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌64

- ‌65

- ‌66

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌70

- ‌71

- ‌73

- ‌74

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌80

- ‌81

- ‌82

- ‌83

- ‌84

- ‌85

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌90

- ‌91

- ‌93

- ‌95

- ‌96

- ‌سورة الحديد

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌سورة المجادلة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌سورة الحشر

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌سورة الممتحنة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌سورة الصف

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌سورة الجمعة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌سورة المنافقون

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌سورة التغابن

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌سورة الطلاق

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌سورة التحريم

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌سورة الملك

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌سورة القلم

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌سورة الحاقة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌52

- ‌سورة المعارج

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌سورة نوح

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌سورة الجن

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌سورة المزمل

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌سورة المدثر

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌42

- ‌43

- ‌47

- ‌48

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌55

- ‌56

- ‌سورة القيامة

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌سورة الإنسان

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌سورة المرسلات

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌35

- ‌36

- ‌38

- ‌39

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌46

- ‌48

- ‌50

- ‌سورة النبأ

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌18

- ‌19

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌سورة النازعات

- ‌1

- ‌2

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌37

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌سورة عبس

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌12

- ‌13

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌30

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌سورة التكوير

- ‌1

- ‌2

- ‌9

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌سورة الانفطار

- ‌1

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌سورة المطففين

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌سورة الانشقاق

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌سورة البروج

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌22

- ‌سورة الطارق

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌سورة الأعلى

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌سورة الغاشية

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌سورة الفجر

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌سورة البلد

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌17

- ‌18

- ‌20

- ‌سورة الشمس

- ‌2

- ‌5

- ‌8

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌سورة الليل

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌19

- ‌20

- ‌21

- ‌سورة الضحى

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌سورة الشرح

- ‌3

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌سورة التين

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌سورة العلق

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌سورة القدر

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌سورة البينة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌سورة الزلزلة

- ‌1

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌سورة العاديات

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌11

- ‌سورة القارعة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌سورة التكاثر

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌سورة العصر

- ‌2

- ‌3

- ‌سورة الهمزة

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8

- ‌9

- ‌سورة الفيل

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌سورة قريش

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌سورة الماعون

- ‌1

- ‌2

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌سورة الكوثر

- ‌2

- ‌3

- ‌سورة الكافرون

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌6

- ‌سورة النصر

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌سورة المسد

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌سورة الإخلاص

- ‌1

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌سورة الفلق

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌سورة الناس

- ‌2

- ‌3

- ‌4

- ‌5

- ‌6

الفصل: ‌ ‌29 - {فَأَعْرِضْ عَنْ مَنْ تَوَلَّى عَنْ ذِكْرِنَا وَلَمْ يُرِدْ

‌29

- {فَأَعْرِضْ عَنْ مَنْ تَوَلَّى عَنْ ذِكْرِنَا وَلَمْ يُرِدْ إِلا الْحَيَاةَ الدُّنْيَا}

جملة «فأعرض» مستأنفة، جملة «ولم يُرِدْ» معطوفة على جملة «تولَّى» .

ص: 1252

‌30

- {ذَلِكَ مَبْلَغُهُمْ مِنَ الْعِلْمِ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ أَعْلَمُ بِمَنْ ضَلَّ عَنْ سَبِيلِهِ وَهُوَ أَعْلَمُ بِمَنِ اهْتَدَى}

الجار «من العلم» متعلق بحال من «مبلغهم» ، وجملة «هو أعلم» خبر «إن» ، الجار «بمن» متعلق «بأعلم» .

ص: 1252

‌31

- {وَلِلَّهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ لِيَجْزِيَ الَّذِينَ أَسَاءُوا بِمَا عَمِلُوا وَيَجْزِيَ الَّذِينَ أَحْسَنُوا بِالْحُسْنَى}

جملة «ولله ما في السماوات» مستأنفة، والمصدر «ليجزي» متعلق بما دلَّ عليه قوله «ولله ما في السماوات» : أي: له ملكُهما يضلُّ مَنْ يشاء ويهدي من يشاء ليجزي المحسن والمسيء، وقوله «بما» : الباء جارة، و «ما» مصدرية، والمصدر المجرور متعلق بـ «يجزي» .

ص: 1252

‌32

- {الَّذِينَ يَجْتَنِبُونَ كَبَائِرَ الإِثْمِ وَالْفَوَاحِشَ إِلا اللَّمَمَ إِنَّ رَبَّكَ وَاسِعُ الْمَغْفِرَةِ هُوَ أَعْلَمُ بِكُمْ إِذْ أَنْشَأَكُمْ مِنَ الأَرْضِ وَإِذْ أَنْتُمْ أَجِنَّةٌ فِي بُطُونِ أُمَّهَاتِكُمْ فَلا تُزَكُّوا أَنْفُسَكُمْ هُوَ أَعْلَمُ بِمَنِ اتَّقَى}

«الذين» بدل من {الَّذِينَ} المتقدم، «اللمم» مستثنى منقطع منصوب، جملة «هو أعلم» خبر ثانٍ لـ «إن» ، «إذ» ظرف متعلق بـ «أعلم» ، و «إذ» الثاني معطوف على الأول، الجار «في بطون» متعلق بنعت لـ «أجنَّة» ، وجملة «فلا

⦗ص: 1253⦘

تزكوا» جواب شرط مقدر أي: إن كان هذا شأنكم فلا تُزَكُّوا، وجملة «هو أعلم» مستأنفة.

ص: 1252