المَكتَبَةُ الشَّامِلَةُ السُّنِّيَّةُ

الرئيسية

أقسام المكتبة

المؤلفين

القرآن

البحث 📚

‌ ‌22 - " إياكم أن تتخذوا ظهور دوابكم منابر، فإن - سلسلة الأحاديث الصحيحة وشيء من فقهها وفوائدها - جـ ١

[ناصر الدين الألباني]

فهرس الكتاب

- ‌‌‌1

- ‌1

- ‌2

- ‌3)

- ‌4

- ‌5

- ‌6

- ‌7

- ‌8)

- ‌9

- ‌10

- ‌11

- ‌12

- ‌13

- ‌14

- ‌15

- ‌16

- ‌17

- ‌18

- ‌20

- ‌19

- ‌21

- ‌22

- ‌23

- ‌24

- ‌25

- ‌26

- ‌27

- ‌28

- ‌29

- ‌30

- ‌31

- ‌32

- ‌33

- ‌34

- ‌35

- ‌36

- ‌37

- ‌38

- ‌39

- ‌40

- ‌41

- ‌42

- ‌43

- ‌44

- ‌45

- ‌46

- ‌47

- ‌ 48)

- ‌49

- ‌50

- ‌51

- ‌52

- ‌53

- ‌54

- ‌55

- ‌56

- ‌57

- ‌58

- ‌59

- ‌60

- ‌61

- ‌62

- ‌63

- ‌64

- ‌65

- ‌66

- ‌67

- ‌68

- ‌69

- ‌70

- ‌71

- ‌72

- ‌73

- ‌74

- ‌75

- ‌76

- ‌77

- ‌78

- ‌79

- ‌ 80) :

- ‌81

- ‌82

- ‌83

- ‌84

- ‌85

- ‌86

- ‌87

- ‌88

- ‌89

- ‌90

- ‌91

- ‌92

- ‌93

- ‌94

- ‌95

- ‌96

- ‌97

- ‌98

- ‌99

- ‌100

- ‌101

- ‌102

- ‌103

- ‌104

- ‌105

- ‌106

- ‌107

- ‌108

- ‌109

- ‌110

- ‌111

- ‌112

- ‌113

- ‌114

- ‌115

- ‌116

- ‌117

- ‌118

- ‌119

- ‌120

- ‌121

- ‌122

- ‌123

- ‌124

- ‌125

- ‌126

- ‌127

- ‌128

- ‌129

- ‌130

- ‌131

- ‌132

- ‌133

- ‌134

- ‌135

- ‌136

- ‌137

- ‌138

- ‌139

- ‌140

- ‌141

- ‌142

- ‌143

- ‌144

- ‌145

- ‌146

- ‌147

- ‌148

- ‌149

- ‌150

- ‌151

- ‌152

- ‌153

- ‌154

- ‌155

- ‌156

- ‌157

- ‌158

- ‌159

- ‌160

- ‌161

- ‌162

- ‌163

- ‌164

- ‌165

- ‌166

- ‌167

- ‌168

- ‌169

- ‌170

- ‌171

- ‌172

- ‌173

- ‌174

- ‌175

- ‌176

- ‌177

- ‌178

- ‌179

- ‌180

- ‌181

- ‌182

- ‌183

- ‌184

- ‌185

- ‌186

- ‌187

- ‌188

- ‌189

- ‌190

- ‌191

- ‌192

- ‌193

- ‌194

- ‌195

- ‌196

- ‌ 197)

- ‌198

- ‌199

- ‌200

- ‌201

- ‌202

- ‌203

- ‌204

- ‌205

- ‌206

- ‌207

- ‌208

- ‌209

- ‌210

- ‌211

- ‌212

- ‌213

- ‌214

- ‌215

- ‌216

- ‌217

- ‌218

- ‌219

- ‌220

- ‌221

- ‌222

- ‌223

- ‌224

- ‌225

- ‌226

- ‌227

- ‌228

- ‌229

- ‌230

- ‌231

- ‌232

- ‌233

- ‌234

- ‌235

- ‌236

- ‌237

- ‌238

- ‌239

- ‌240

- ‌241

- ‌242

- ‌243

- ‌244

- ‌245

- ‌246

- ‌247

- ‌248

- ‌249

- ‌250

- ‌251

- ‌252

- ‌253

- ‌254

- ‌255

- ‌256

- ‌257

- ‌258

- ‌259

- ‌260

- ‌261

- ‌262

- ‌263

- ‌264

- ‌265

- ‌266

- ‌267

- ‌268

- ‌269

- ‌270

- ‌271

- ‌272

- ‌273

- ‌274

- ‌275

- ‌276

- ‌277

- ‌278

- ‌279

- ‌280

- ‌281

- ‌282

- ‌283

- ‌284

- ‌285

- ‌286

- ‌287

- ‌288

- ‌289

- ‌290

- ‌291

- ‌292

- ‌293

- ‌294

- ‌295

- ‌296

- ‌297

- ‌298

- ‌299

- ‌300

- ‌301

- ‌302

- ‌303

- ‌304

- ‌305

- ‌306

- ‌307

- ‌308

- ‌309

- ‌310

- ‌311

- ‌312

- ‌313

- ‌314

- ‌315

- ‌316

- ‌317

- ‌318

- ‌319

- ‌320

- ‌321

- ‌322

- ‌323

- ‌324

- ‌325

- ‌326

- ‌327

- ‌328

- ‌329

- ‌330

- ‌331

- ‌332

- ‌333

- ‌334

- ‌335

- ‌336

- ‌337

- ‌338

- ‌339

- ‌340

- ‌341

- ‌342

- ‌343

- ‌344

- ‌345

- ‌346

- ‌347

- ‌348

- ‌349

- ‌350

- ‌351

- ‌352

- ‌353

- ‌354

- ‌355

- ‌356

- ‌357

- ‌358

- ‌359

- ‌360

- ‌361

- ‌362

- ‌363

- ‌364

- ‌365

- ‌366

- ‌367

- ‌368

- ‌369

- ‌370

- ‌371

- ‌372

- ‌373

- ‌374

- ‌375

- ‌376

- ‌377

- ‌378

- ‌379

- ‌380

- ‌381

- ‌382

- ‌383

- ‌384

- ‌385

- ‌386

- ‌387

- ‌388

- ‌389

- ‌390

- ‌391

- ‌392

- ‌393

- ‌394

- ‌395

- ‌396

- ‌397

- ‌398

- ‌399

- ‌400

- ‌401

- ‌402

- ‌403

- ‌404

- ‌405

- ‌406

- ‌407

- ‌408

- ‌409

- ‌410

- ‌411

- ‌412

- ‌413

- ‌414

- ‌415

- ‌416

- ‌417

- ‌418

- ‌419

- ‌420

- ‌421

- ‌422

- ‌423

- ‌424

- ‌425

- ‌426

- ‌427

- ‌428

- ‌429

- ‌430

- ‌431

- ‌432

- ‌433

- ‌434

- ‌435

- ‌436

- ‌437

- ‌438

- ‌439

- ‌440

- ‌441

- ‌442

- ‌443

- ‌444

- ‌445

- ‌446

- ‌447

- ‌448

- ‌449

- ‌450

- ‌451

- ‌452

- ‌453

- ‌454

- ‌455

- ‌456

- ‌457

- ‌458

- ‌459

- ‌460

- ‌461

- ‌462

- ‌463

- ‌464

- ‌465

- ‌466

- ‌467

- ‌468

- ‌469

- ‌470

- ‌471

- ‌472

- ‌473

- ‌474

- ‌475

- ‌476

- ‌477

- ‌478

- ‌479

- ‌480

- ‌481

- ‌482

- ‌483

- ‌484

- ‌485

- ‌486

- ‌487

- ‌488

- ‌489

- ‌490

- ‌491

- ‌492

- ‌493

- ‌494

- ‌495

- ‌496

- ‌497

- ‌498

- ‌499

- ‌‌‌500

- ‌500

الفصل: ‌ ‌22 - " إياكم أن تتخذوا ظهور دوابكم منابر، فإن

‌22

- " إياكم أن تتخذوا ظهور دوابكم منابر، فإن الله تعالى إنما سخرها لكم لتبلغكم

إلى بلد لم تكونوا بالغيه إلا بشق الأنفس، وجعل لكم الأرض فعليها فاقضوا

حاجاتكم ".

رواه أبو داود (رقم 2567) وعنه البيهقي (5 / 255) وأبو القاسم السمرقندي

في " المجلس 128 من الأمالي " وعنه ابن عساكر (19 / 85 / 1) من طريقين عن

يحيى بن أبي عمرو السيباني عن أبي مريم عن أبي هريرة مرفوعا.

قلت: وهذا سند صحيح، يحيى بن أبي عمرو السيباني - بفتح المهملة وسكون

التحتانية بعدها موحدة، وهو ثقة، ووقع في ترجمة أبي مريم من " التهذيب "

" الشيباني " بالشين المعجمة وهو تصحيف.

وأبو مريم قال العجلي في " الثقات "(ص 94 من ترتيب السبكي) :

ص: 61