المَكتَبَةُ الشَّامِلَةُ السُّنِّيَّةُ

الرئيسية

أقسام المكتبة

المؤلفين

القرآن

البحث 📚

"متروك، كذبه ابن معين، واتهمه أبو داود بالوضع". قلت: وإنما أوردت - سلسلة الأحاديث الضعيفة والموضوعة وأثرها السيئ في الأمة - جـ ١١

[ناصر الدين الألباني]

فهرس الكتاب

- ‌المقدمة:

- ‌5001

- ‌5002

- ‌5003

- ‌5004

- ‌5005

- ‌5006

- ‌5007

- ‌5008

- ‌5009

- ‌5010

- ‌5011

- ‌5012

- ‌5013

- ‌5014

- ‌5015

- ‌5016

- ‌5017

- ‌5018

- ‌5019

- ‌5020

- ‌5021

- ‌5022

- ‌5023

- ‌5025

- ‌5026

- ‌5027

- ‌5028

- ‌5029

- ‌5030

- ‌5031

- ‌5032

- ‌5033

- ‌5034

- ‌5035

- ‌5036

- ‌5037

- ‌5038

- ‌5039

- ‌5040

- ‌5041

- ‌5042

- ‌5043

- ‌5043/ م

- ‌5044

- ‌5045

- ‌5046

- ‌5047

- ‌5048

- ‌5049

- ‌5050

- ‌5051

- ‌5052

- ‌5053

- ‌‌‌5054

- ‌5054

- ‌5055

- ‌5056

- ‌5057

- ‌5058

- ‌5059

- ‌5060

- ‌5061

- ‌5062

- ‌5063

- ‌5064

- ‌5065

- ‌5066

- ‌5067

- ‌5068

- ‌5069

- ‌5070

- ‌5071

- ‌5072

- ‌5073

- ‌5074

- ‌5075

- ‌5076

- ‌5077

- ‌5078

- ‌5079

- ‌5080

- ‌5081

- ‌5082

- ‌5083

- ‌5084

- ‌5085

- ‌5086

- ‌5087

- ‌5088

- ‌5089

- ‌5090

- ‌5091

- ‌5092

- ‌5093

- ‌5094

- ‌5095

- ‌5096

- ‌5097

- ‌5098

- ‌5099

- ‌5100

- ‌5101

- ‌5102

- ‌5103

- ‌5104

- ‌5105

- ‌5106

- ‌5107

- ‌5108

- ‌5109

- ‌5110

- ‌5111

- ‌5112

- ‌5113

- ‌5114

- ‌5116

- ‌5117

- ‌5118

- ‌5119

- ‌5120

- ‌5121

- ‌5122

- ‌5123

- ‌5124

- ‌5125

- ‌5126

- ‌5127

- ‌5128

- ‌5129

- ‌5130

- ‌5131

- ‌5132

- ‌5133

- ‌5134

- ‌5135

- ‌5136

- ‌5137

- ‌5138

- ‌5139

- ‌5140

- ‌5141

- ‌5141/ م

- ‌5142

- ‌5142/ م

- ‌5143

- ‌5144

- ‌5145

- ‌5146

- ‌5147

- ‌5148

- ‌5149

- ‌5150

- ‌5151

- ‌5152

- ‌5153

- ‌5154

- ‌5155

- ‌5156

- ‌5157

- ‌5158

- ‌5159

- ‌5160

- ‌5161

- ‌5162

- ‌5163

- ‌5164

- ‌5165

- ‌5166

- ‌5167

- ‌5168

- ‌5169

- ‌5170

- ‌5171

- ‌5172

- ‌5173

- ‌5174

- ‌5175

- ‌5176

- ‌5177

- ‌5179

- ‌5180

- ‌5181

- ‌5182

- ‌5183

- ‌5184

- ‌5185

- ‌5186

- ‌5187

- ‌5188

- ‌5189

- ‌5190

- ‌5191

- ‌5192

- ‌5193

- ‌5194

- ‌5195

- ‌5196

- ‌5197

- ‌5198

- ‌5199

- ‌5200

- ‌5201

- ‌5202

- ‌5203

- ‌5204

- ‌5205

- ‌5206

- ‌5207

- ‌5208

- ‌5209

- ‌5210

- ‌5211

- ‌5212

- ‌5213

- ‌5214

- ‌5215

- ‌5216

- ‌5217

- ‌5218

- ‌5219

- ‌5220

- ‌5221

- ‌5222

- ‌5223

- ‌5224

- ‌5225

- ‌5226

- ‌5227

- ‌5228

- ‌5229

- ‌5230

- ‌5231

- ‌5232

- ‌5233

- ‌5234

- ‌5235

- ‌5236

- ‌5237

- ‌5238

- ‌5239

- ‌5240

- ‌5241

- ‌5242

- ‌5243

- ‌5244

- ‌5245

- ‌5246

- ‌5247

- ‌5248

- ‌5249

- ‌5250

- ‌5251

- ‌5252

- ‌5253

- ‌5254

- ‌5255

- ‌5256

- ‌5257

- ‌5258

- ‌5259

- ‌5260

- ‌5261

- ‌5262

- ‌5263

- ‌5264

- ‌5265

- ‌5266

- ‌5267

- ‌5268

- ‌5269

- ‌5270

- ‌5271

- ‌5272

- ‌5273

- ‌5274

- ‌5275

- ‌5276

- ‌5277

- ‌5279

- ‌5280

- ‌5281

- ‌5282

- ‌5283

- ‌5284

- ‌5285

- ‌5286

- ‌5287

- ‌5288

- ‌5289

- ‌5290

- ‌5291

- ‌5293

- ‌5294

- ‌5295

- ‌5296

- ‌5297

- ‌5298

- ‌5299

- ‌5300

- ‌5301

- ‌5302

- ‌5303

- ‌5304

- ‌5305

- ‌5306

- ‌5307

- ‌5308

- ‌5309

- ‌5310

- ‌5311

- ‌5312

- ‌5313

- ‌5314

- ‌5315

- ‌5316

- ‌5317

- ‌5318

- ‌5319

- ‌5320

- ‌5321

- ‌5322

- ‌5323

- ‌5324

- ‌5325

- ‌5326

- ‌5327

- ‌5328

- ‌5329

- ‌5330

- ‌5331

- ‌5332

- ‌5333

- ‌5334

- ‌5335

- ‌5336

- ‌5337

- ‌5338

- ‌5339

- ‌5340

- ‌5341

- ‌5342

- ‌5343

- ‌5344

- ‌5345

- ‌5346

- ‌5347

- ‌5348

- ‌5349

- ‌5350

- ‌5351

- ‌5352

- ‌5353

- ‌5354

- ‌5355

- ‌5356

- ‌5357

- ‌5358

- ‌5359

- ‌5360

- ‌5361

- ‌5362

- ‌5363

- ‌5364

- ‌5365

- ‌5366

- ‌5367

- ‌5368

- ‌5369

- ‌5370

- ‌5371

- ‌5372

- ‌5373

- ‌5374

- ‌5375

- ‌5376

- ‌5377

- ‌5378

- ‌5379

- ‌5380

- ‌5381

- ‌5382

- ‌5383

- ‌5384

- ‌5385

- ‌5386

- ‌5387

- ‌5388

- ‌5389

- ‌5390

- ‌5391

- ‌5392

- ‌5393

- ‌5394

- ‌5395

- ‌5396

- ‌5397

- ‌5398

- ‌5399

- ‌5400

- ‌5401

- ‌5402

- ‌5403

- ‌5404

- ‌5405

- ‌5406

- ‌5408

- ‌5409

- ‌5410

- ‌5411

- ‌5412

- ‌5413

- ‌5414

- ‌5415

- ‌5416

- ‌5417

- ‌5418

- ‌5419

- ‌5420

- ‌5421

- ‌5422

- ‌5423

- ‌5424

- ‌5425

- ‌5426

- ‌5427

- ‌5428

- ‌5429

- ‌5430

- ‌5431

- ‌5432

- ‌5433

- ‌5434

- ‌5435

- ‌5436

- ‌5437

- ‌5438

- ‌5439

- ‌5440

- ‌5441

- ‌5442

- ‌5443

- ‌5444

- ‌5445

- ‌5446

- ‌5447

- ‌5448

- ‌5449

- ‌5450

- ‌5451

- ‌5452

- ‌5453

- ‌5454

- ‌5455

- ‌5456

- ‌5457

- ‌5458

- ‌5459

- ‌5460

- ‌5461

- ‌5462

- ‌5463

- ‌5464

- ‌5465

- ‌5466

- ‌5467

- ‌5468

- ‌5469

- ‌5470

- ‌5471

- ‌5472

- ‌5473

- ‌5474

- ‌5475

- ‌5476

- ‌5477

- ‌5478

- ‌5479

- ‌5480

- ‌5481

- ‌5482

- ‌5483

- ‌5484

- ‌5485

- ‌5486

- ‌5487

- ‌5488

- ‌5489

- ‌5490

- ‌5491

- ‌5492

- ‌5493

- ‌5494

- ‌5495

- ‌5496

- ‌5497

- ‌5498

- ‌5499

- ‌5500

الفصل: "متروك، كذبه ابن معين، واتهمه أبو داود بالوضع". قلت: وإنما أوردت

"متروك، كذبه ابن معين، واتهمه أبو داود بالوضع".

قلت: وإنما أوردت هذا والذي قبله؛ للشطر الثاني من كل منهما.

وإلا؛ فالشطر الأول صحيح ثابت في "الصحيحين" وغيرهما عن جمع من الصحابة، قد خرجت بعضها في "إرواء الغليل"(رقم 820) .

‌5410

- (كان عليه الصلاة والسلام قبل الإسراء والمعراج يصلي ركعتين صباحاً، وركعتين مساءً؛ كما كان يفعل النبي إبراهيم عليه السلام. رواه البخاري) !

لا أصل له

كذا رأيته في كتاب "التربية الإسلامية للصف الخامس الابتدائي"(ص - 44) تأليف عبد الحميد السائح، عبد العزيز الخياط، عز الدين الخطيب التميمي، يوسف العظم، زهير كحالة.

هكذا جاء في طرة الكتاب من الطبعة الثانية عشرة! طبع مطابع الجمعية العلمية الملكية بعمان.

قلت: وهذا حديث لا أصل له؛ كما كنت بينته في كتابي "دفاع عن الحديث النبوي" في الرد على "فقه الدكتور البوطي"(ص 42) الذي ذكر فيه عن النبي صلى الله عليه وسلم مثل ما ذكر هؤلاء المؤلفون مما تراه أعلاه، ولعلهم قلدوه في ذلك! ولكنهم زادوا عليه قولهم:

"رواه البخاري"!

وهذا كذب على الإمام البخاري؛ فإنه لم يرو شيئاً من هذا؛ لا هو ولا غيره من أئمة السنة والحديث. ولهذا؛ قلت في ردي على الدكتور البوطي:

ص: 684

"أقول: لا أعرف لهذا الحديث إسناداً؛ فإن كان الدكتور قد وقف عليه؛ فليذكر لنا مصدره لندرسه، وما أخاله يصح. نعم؛ ذكر ابن سيد الناس في "عيون الأثر" (1/ 91) عن مقاتل بن سليمان:

"وفرض الله أول الاسلام الصلاة ركعتين بالغداة، وركعتين بالعشي، ثم فرض الخمس ليلة المعراج". ثم ذكر نحوه عن الحربي (1/ 149)، ونقل عن ابن عبد البر؛ أنه قال:

"لا يوجد هذا في أثر صحيح".

ثم أشار ابن سيد الناس (1/ 152) إلى تضعيف قول الحربي.

قلت: ومقاتل بن سليمان متروك شديد الضعف، قال الحافظ:

"كذبوه وهجروه، ورمي بالتجسيم".

قلت: فمثله لا يكون حديثه إلا موضوعاً. هذا لو وصله وأسنده، فكيف به وقد أرسله وأعضله؟!

فيا للعجب من هؤلاء الأساتذة الخمسة؛ ألم يكن فيهم رجل واحد يتنبه لهذا الخطأ الفاحش المزدوج، يحول بينهم وبين الوقوع في الكذب - لغة - على الإمام البخاري، بل وعلى النبي صلى الله عليه وسلم؟!

ومن هذا القبيل: ما وقع في كتاب "الدعوة الإسلامية فريضة شرعية وضرورة بشرية"(1)(ص 34) ما نصه - بعد أن ساق سورة (العصر) -:

(1) لمؤلفه الدكتور صادق أمين، وأظنه اسما مستعارا؛ لا حقيقة له ولا مسمى. ثم تبين أنه الدكتور عبد الله عزام أصلحنا الله وإياه!

ص: 685